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Showing posts from August 3, 2014

जनसंख्या नियंत्रण पर कठोर कानून बनाने में देरी क्यूं?

सरकार की स्थिति उस पिता जैसी है जो पहले दो बच्चों के लिए भरपूर कमाता था, आज भी उतना ही कमाता है पर अब उसके चार बच्चे आधा पेट खाकर ही सोते हैं। ऐसे तो 100 की जगह 1000 स्मार्ट सिटी भी हों तब भी बेरोजगारी का यही हाल रहने वाला है, कितने भी मेट्रो और बुलेट ट्रेनों की व्यवस्था की जाए सड़कों पर फ्लाईओवर बनते जाएं पर भीड़ की स्थिति जस की तस ही रहने वाली है। जब आय और साधन निश्चित मात्रा में हैं, तो भला किस अधिकार से हम नए जीवन को धरती पर लाकर उसके साथ अन्याय करते हैं। जनसंख्या नियंत्रण को हल्के में लेना कहीं सरकार को भारी न पड़ जाए। हर घड़ी बढ़ रही जनसंख्या सुरसा के मुख की भंति है, सरकार एक तरफ निश्चित संख्या के लिए संसाधन जुटाने में जुटी रहती है और दूसरी तरफ सीमित संसाधनों के उपयोग करने वालों की संख्या हर दो सेकेण्ड में बढ़ जाती है। ऐसे तो सरकार कभी भी जनता की आशाओं को पूरा नही कर पाएगी। आखि़र जनसंख्या नियंत्रण पर कठोर कानून बनाने में क्या समस्या है? इस प्रकार के कानून से एक गरीब परिवार से लेकर समस्त देश का भला ही होगा। प्रत्येक भारतीय नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो उस पर यह कानून सख्त

नेपाल में भारत विरोध का जवाबदेह स्वयं भारत

भारत के स्वघोषित ठेकेदारों जिनका अब सफाया हो चुका है यानि कांग्रेस उनके न जाने कितने ऐतिहासिक कुकृत्यों का परिणाम भारत कब तक भुगतता रहेगा। अपने व्यक्तिगत राग,द्वेष और प्रतिशोध के लिए इन लोगों ने बार-बार देश की गरिमा, सम्मान और देश के स्वाभिमान को दांव पर लगाया है और अतीत के किए सारे अपराध-कुकर्म घूम कर वापस समस्त देश के अपमान का कारण बन रहा है। पूरे नेपा ... ल में मोदी की जीत पर खुशी की लहर भारत से कम नही थी, मोदी की नेपाल यात्रा नेपाल के पुराने घावों पर मरहम का काम कर रही है। भूतपूर्वप्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के समय इन्दिरा गांधी सहित, राजीव और सोनिया गांधी नेपाल यात्रा गए थे, उस समय मंदिर के नियमानुसार पशुपतिनाथ मंदिर में सोनिया गांधी को दर्शन हेतु प्रवेश नही करने दिया गया क्यूंकि वहां गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है और सोनिया गांधी हिन्दु तो दूर भारतीय भी नही हैं। इसके बाद इन्दिरा गांधी की हत्या की घटना के बाद राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद पर बैठते ही व्यक्तिगत द्वेष को अंजाम देने का समय आया तो राजीव गांधी ने संपूर्ण नेपाल से प्रतिशोध लेना आरंभ कर दिया, हांलाकि असली प्रतिशोध की