Skip to main content

Posts

Showing posts from January 25, 2015

मोदी ही समझे नारी को...

नारी शक्ति को प्रणाम करने वाले बिन नारी के नर मोदी जी के क्लीन स्वीप वाली चाल पर उनको और मर्दानी किरण बेदी को बधाईयां, मोदी की सफलता का एकमात्र मूलमंत्र कि वे नारी को समझ गए जो नारी को बनाने वाला विधाता भी नही समझ सका। केजरी मुक्त दिल्ली के अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए पूरे दल बल सहित हल्ला बोल वाली मुद्रा में दिख रहे मोदी आजकल बड़े उग्र मूड में हैं, और हों भी क्यूं न उग्रवादियों का सफाया करने के लिए उन्हें ऐसा ही रवैया अपनाना होगा, परन्तु एक बार सोच कर देखिए अगर भाजपा हार गई तो किरण बेदी का भाजपा जैसी पार्टी में कैसा भविष्य होगा? भाजपा में स्त्री शक्ति का किसी न किसी पद पर आसीन होना अति आवश्यक है, यदि ये औरतें खाली बैठीं तो भाजपा को भी अनशन पर बैठना होगा...आप नाराज़ मत होईए अभी इसका कारण भी बताए देती हूं, देखिए औरतों में एक ख़ासियत जन्मजात होती है कि किसी भी क़ीमत किसी भी हाल में गुस्से प्यार या ज़िद से अपनी बात मनवाकर ही बैकुण्ठ धाम का रास्ता देखती हैं, इतना आप माने न माने परन्तु मन नही मन सब इस सच से रूबरू हो चुके हैं, विशेषकर विवाहित पुरूष...नारी के कारण रामायण, उस

कहीं नही वो नाम तुम्हारा

कुछ पन्ने खोले हैं आज पुराने सब बेग़ाने से लगते हैं कोई कोई पहचाने लिखे हैं उन पर किस्से कहानी और फ़साने हर काग़ज़ के कोने पर एक छींट लगी है ग़ौर से देखा तो इक टुकड़ा नाम का था तब भी पूरा नाम नहीं लेती थी तुम्हारा चाहा कि अब आज अभी लिख दूं फिर से पर क़लम चली काग़ज़ के कोने पर न दोबारा अब छींट भर भी नही रहा वो नाम कहीं पर न ज़ुबान न दिल न काग़ज़ कहीं नही वो नाम तुम्हारा