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Showing posts from August 2, 2020

न स्वर्ग मिलेगा न ही नर्क!

एक बेहद रोमांचक और रहस्य भरा शब्द है इत्तेफाक, संयोग, दैवयोग, सन्निपतन, सम्पात अथवा अंग्रेज़ी में कोइंसीडेंस। वैसे तो आप सभी ज्ञानी गुणीजन हैं किन्तु फिर भी एक बात का आप सभी को पुर्नस्मरण कराना आवश्यक है कि इतिहास स्वयं को दोहराता है, फिर चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक - अप्राकृतिक आपदा हो अथवा महामारी... ऐसा नही है कि करोना जैसी आपदा इस धरती पर पहली बार आई हो या मानवजाति ने आज से पहले कभी किसी प्रकार की वैश्विक महामारी का सामना न किया हो। फर्क़ केवल पीढ़ियों की सोच का है, सुविधाओं एवं वातावरण का है, हम तब भी लड़े थे जब पिछली बार ईश्वर का कोप हम पर बरसा और हम इतने ढीठ हैं कि फिर से लड़ कर जी रहे हैं और साथ ही ईश्वर को भी प्रसन्न करने के अनगिनत उपाय किए जा रहे हैं, किन्तु इस प्रकार के लेन देन से क्या सरल सहज ईश्वर मान जाएंगे??? हमें तो सौदा करने की लत है, कुछ ले दे के काम बन जाता तो... करोना तो ले दे के भी नहीं मानता, कम्यूनिस्ट रोग है सबको बराबरी की दृष्टि से देखता है। अपने मुहल्ले के बाबू नाई को जो रोग हुआ है वही देश के गृहमंत्री को भी हो गया। बहरहाल! आईए अब बात करते हैं संयोग की, संयोग यह क

यहां केवल भूमिपूजन की बात हो रही है

भूमि पूजन कितना मनोरम शब्द, लगभग हर उस व्यक्ति के लिए जिसने अनगिनत अथक प्रयास और श्रम के पश्चात अपना खु़द का एक बसेरा बसाने की दिशा में सफलता का पहला कदम रखा हो। भीतपूजा, नींव की पहली ईंट और भी असंख्य शब्द हैं जिनका उपयोग इस शुभकार्य के पहले किया जाता है। जिस प्रकार विवाह के आयोजन से पूर्व अनगिनत असंतुष्टियां और विघ्न बाधाओं को पराजित करते हुए बेटी के पिता को अंततः कन्यादान करके सहस्त्रों पुण्यों को एक बार में फल प्राप्त हो जाता है वैसे ही  अपने और आने वाली सात पीढ़ियों के सिर पर छत देकर भूमि पूजने वाले पुरूष के भी दोनों लोक सफल हो जाते हैं। घर कितना बड़ा होगा इसका निर्णय प्रथमतः किया जाना कठिन होता है, क्यूंकि आरंभ में रहने वाले कभी दो तो कभी आठ हो सकते हैं किन्तु समय के साथ और ईश्वर की कृपा से हर आकार प्रकार के मकान में अनगिनत लोग समा जाते हैं, रहते हैं, जीवन बिताते हैं, फिर इसी प्रकार उनके बाद की पीढ़ी भी उसी में सहजता से समा जाती है। समस्या घर की छोटाई बड़ाई नही बल्कि समस्या जो सामने आती है वह यह कि भूमिपूजन में किस किस को और कितनों को बुलाएं? जिन्हें बुलाएंगे वो पूरी तरह शान्त और संतु