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Showing posts from April 27, 2014

मारो वोट की चोट

मतदाताओं की लम्बी कतार ने इस बार के मुकाबले का नतीजा लगभग बता ही दिया है. कड़ा जवाब मिलेगा इस वोट की चोट से ,   बीते १० साल बर्दाश्त की सीमा पार कर चुकी जनता ने पोलिंग बूथ के बहार अपनी संख्या से ही साबित कर दिया की जो देश के सगे नहीं उनका स्वागत करने को हम   तैयार   नहीं   है. तेज़   धूप   भी   किसी   के मार्ग में बाधा नहीं है. हाथ में पानी की बोतलें और सर पे तौलिये ढँक कर खड़े लोग किसी क्रांतिकारी सेना का हिस्सा लग रहे हैं , इन्हे देख कर स्वयं को देश का हिस्सा कहने पर अद्भुत सुख और संतोष की अनुभूति हो रही है. वोट डालते ही एक ज़िम्मेदार और महत्त्वपूर्ण देशभक्त हूँ ऐसा लगने लगता है. औरतें घर में नहीं बैठी हैं बल्कि सदल-बदल निकली हैं ये बताने की अब ५०% वोट उनके हैं ४९% नही... जिनके नाम लिस्ट   में नहीं हैं वो गुस्से में हैं विरोध कर रहे हैं बता रहे हैं की इस बार वोट नहीं डाला तो देश का कितना बड़ा नुक्सान हो सकता है , पहली बार के युवा वोटर अपने साथ दूसरे लोगों के नाम की पर्चियां ढून्ढ कर दे रहे हैं की कोई वोट छूटने ना पाये। शायद ऐसे ही देश के इसी तरह के चुनाव की कामना की गयी थी. ये चुनावी धूम

तैयार हो जाओ देशवासियों वोट की छुट्टी मिलने वाली है

बिना बात भला पिछली बार कब छुट्टी मिली थी, इस बार भी इस छुट्टी को लाईन में खड़े रह कर बर्बाद मत होने देना। ऐसा नहीं करोगे तो फिर से देश में घोटाले कैसे होंगे, घोटाले बंद हो गए तो सुबह की चाय के साथ अखबार में क्या पढोगे? कैसे मेहेंगाई बढ़ेगी, कैसे भ्रष्टाचार बढ़ेगा, ये माँ-बेटे भाई-बहन का क्या होगा? जीजाजी की रोटी कैसे चलेगी. कैसे बाक़ी बचा देश लुटेगा  । ज़रा सोचिये इन काली स्याही के कारोबारियों का क्या होगा जो सुबह सुबह आपको चाय के साथ दिमाग के लिए नाश्ता परोसते हैं. आधा दर्जन अखबार तो इन्ही डाकुओं की सत्ता के बल पर चल रहे हैं … इनकी शान में क़सीदे पढ़ने वाले कुछ उन अखबारों और पत्रिकाओं का भी ख़याल करिये, हमे तो मनोरंजन से मतलब है अब वो चाहे कैसे भी किया जा सके. ख़बरें क्यों पढ़ते हैं हम? सोचा है कभी? ७०% लोग ख़बरें नहीं पढ़ते, वो ख़बरों में भी मनोरंजन ढूंढते हैं. खासतौर पे बलात्कार वाली ख़बरें जिन्हे हम तकरीबन १० बार पढ़ते हैं क्यों पढ़ते हैं ये तो आप ही जाने… हत्या की खबर जो दिन भर का मसाला बनता है क्यों बार बार पढ़ते हैं ये भी आप ही जाने? पर देश को लूटने वाले आगे क्या क्या और लूट सकते हैं इस बारे