Skip to main content

Posts

Showing posts from July 28, 2019

इस बार पकड़ में आया है तो जाने मत देना

आज़म खान को समझना और समझाना दोनों ही बेहद ज़रूरी है, वरना इसकी जीभ फिसलते हुए किस किस को चाट कर घायल करती जाएगी इसका अभी आपको अंदाज़ा नही है। हांलाकि हमें देष के काम के लिए एक ऐसे ही तेज़ाबी जीभ वाले की ज़रूरत थी जो पाकिस्तान जाकर भारत की तरफ से बात-चीत कर सके, लेकिन क्या कहें कि ये कमबख़्त गद्दार निकला जो खुद ही पाकिस्तान जाकर रहना चाहता है। वो तो कब्ज़ा किए हुए ज़मीनों का मोह है जो छूट नही रहा वरना कब का चला गया होता। उन ज़मीनों को बेचे भी तो किसे ? आजकल कुछ भी छुपा हुआ और गोपनीय नही रहता, ऐसे में ज़मीन का सौदा चुपचाप हो ये कैसे संभव है? फिलहाल वक़्त काटने और मुफ्त की शोहरत पाने का सबसे बेहतरीन तरीका जो आज़म जानते हैं वो सिर्फ औरतों के अलावा और कुछ नही हो सकता। किसी औरत की किस तरह बेइज़्ज़ती की जाती है ये कोई इनसे सीखे, एकदम सटीक और अचूक तंज कसने छिछोरी शेरो-षायरी वगैरह आज़म के पुराने अस्त्र रहे हैं। ऐसे में जया प्रदा हों या फिर भाजपा सांसद रमा देवी या फिर कल को कोई और स्त्री कोई फर्क नही पड़ेगा, आज़म ढीठ थे और रहेंगे। अपने बुरे बीते बचपन की यादों का विषाद और कुण्ठा लेकर एक ड्रामेबाज़ की तरह ज़िन