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Showing posts from July 20, 2014

किसको बचा रही है सपा सरकार?

 राम सेवक यादव को ऐसा कौन सा लालच बेचा गया कि उसने सारा इल्ज़ाम अकेले अपने सर पे ले लिया। किन लोगों को बचा रही है सरकार, क्या दंगों से बचाव के लिए ऐसा क़दम उठाना पड़ा या आने वाले चुनावों में अपने बचे हुए वोट बैंक की हिफाज़त के लिए जनता से इतना बड़ा धोखा किया जा रहा है। जब उस लैब अटेन्डेट महिला के शरीर से वीर्य के चिन्ह बरामद हुए तो किस प्रकार पुलिस बलात्कार को नकार रही है। मो ... हनलालगंज में कौन सा फ्लैट दिखाने ले जाया गया था उसे, रायबरेली रोड पी0जी0आई के आगे कौन से फ्लैटस का निर्माण हो रखा है जो किराए पे दिए जाने को तैयार हो। तीन-चार लोगों द्वारा किए जाने वाले कुकर्म को कैसे पुलिस ने एक ही व्यक्ति के सर डाल दिया। जिस प्रकार ये हत्या की गई वो किसी अकेले व्यक्ति का काम हो ही नही सकता। पोस्ट मार्टम की रिर्पोट में उस महिला के दोनों गुर्दे दिखाए गए हैं जबकि उस ग़रीब ने अपने पति की बीमारी के चलते पहले ही अपना एक गुर्दा दे चुकी थी, तो क्या मौत के बाद गुर्दा वापस निकल आया। पोस्ट मार्टम की रिर्पोट तो झूठी है ही साथ ही सरकार के दबाव में आकर पुलिस भी जांच की झूठी रिर्पोट पेश कर रही है। उत्तर प्रदेश

बलात्कार ही तो हुआ है...इतनी हैरानी क्यूं?

16 जुलाई काण्ड का अपराधी राम सेवक यादव पकड़ा गया, पुराना मुजरिम था और कत्ल, धोखा-धड़ी उसके लिए कोई नई बात नही है। अगर इस बार प्रदेश पर जबरन शासन कर रही सरकार उसे बचाने में कामयाब हो जाती है तो आने वाले कई सालों तक उसका जीवन इन्हीं कार्यों द्वारा आराम से चलता रहेगा। सिर्फ रामसेवक यादव ही क्यूं और भी सभी बलात्कारी नरपिशाचों का जीवन भी आराम से कट रहा है। आखिर ... इन सबको उनके पिता मुलायम सिंह यादव का संरक्षण जो प्राप्त है और फिर ऐसा भी क्या हो गया? मामूली बलात्कार की चेष्टा और हत्या ही तो हुई है कोई बड़ी बात नही लड़के हैं, गलती हो जाती है। ये औरतें आखिर इतनी महत्वपूर्ण तो नही है कि इनके पीछे पुरूष अपने शौक त्याग दे। स्त्री को तो बनाया ही गया है मनोरंजन हेतु, संभवतः आजकल नारी इस बात को स्वीकार चुकी है इसलिए स्वयं को तमाशा बनाकर परोसने में उसे मज़ा भी आने लगा है भले ही इसकी कीमत उसे अपने सम्मान या रक्त से चुकानी पड़े। स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक और भी अधिक स्वतंत्र हो जाना चाहते है, एकदम आदम युग के स्त्री-पुरूष सा...जहां केवल संभोग ही स्त्री-पुरूष संबंधों की परिणति था। पुरूष संभोग चाहता